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निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी... ब्रह्मा बाबा।
साधारण रहते हुए असाधारण कैसे बन सकते हैं यह बाबा ने अपने जीवन से सिखाया है।
नई राहें: शिव शक्ति-नारी शक्ति...तेरी गाथा है अनंत।
नारी ईश्वर की वह अनुपम कृति, उपहार, वरदान है जिसके व्यक्तित्व और कृतित्व में सारा संसार समाया है।
नई राहें: बच्चों में करें संस्कारों रूपी पूंजी का निवेश।
बेटी। बेटी परिवार, समाज और इस धरा की वह धुरी है जिसके आसपास पूरा जीवन घूमता है। बेटी एक शब्द नहीं पूरा संसार है।
नई राहें: सच्चाई का मूल्य।
सत्य की तुलना में दूसरा कोई तप नहीं और झूठ के बराबर दूसरा पाप नहीं। जिसके हृदय में सत्य रम गया, वहां हरि का वास सदा रहेगा।
नई राहें: एक संकल्प श्रीराम सा बनने का...
आज हर मन, हर घर राममय हो गया है। चारों दिशाएं और प्रकृति भी प्रफुल्लित और आल्हादित है। हम सबके आराध्य देव श्रीराम जो पूरे 500 वर्ष के इंतजार और प्रतीक्षा के बाद अपने घर में (मंदिर) जो पधारे हैं।
BK Suraj Bhai: Positive thinking and need for change in ones outlook towards problems.
BK Suraj Bhai, a Senior Raja Yoga Practitioner and teacher from Gyan Sarovar, Mount Abu sheds light on how positive thinking and looking at problems with a different perspective can change life.
देवी का माहात्म्य व उपासना !
भारत में विविध संप्रदाय कार्यरत हैं । इन संप्रदायों के अनुसार संबंधित देवताओं की पूजा उपासना पद्धति प्रचलित है। उसमें देवी का स्थान महत्वपूर्ण है।
नई राहें: ‘जैसा लक्ष्य, वैसे लक्षण’।
‘उठो जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए’ - स्वामी विवेकानंद। स्वामी विवेकानंद द्वारा उच्चारित इन चंद शब्दों में जीवन का सार समाया हुआ है। यदि इन शब्दों को अंतर्मन की गहराई में उतार लिया जाए तो जीवन में किसी भी महान लक्ष्य को पाया जा सकता है।
नई राहें: नदी की धारा की तरह हो जीवन।
नदी की शुरुआत एक छोटे से स्थान या झरने से होती है। आगे बढऩे के साथ उसकी विशालता भी बढ़ती जाती है। रास्ते में उसे तमाम अवरोधों का भी सामना करना पड़ता है। जंगल, पहाड़, घाटी जहां उसकी राह में रोड़ा बनकर खड़े हो जाते हैं तो चट्टानें दीवार की तरह उसके बढ़ते कदमों को थामना चाहती हैं।
नई राहें: परमात्मा को भी पसंद आए आपकी ‘डीपी’।
आज वॉट्सएप और सोशल मीडिया के जमाने में सुंदर डीपी (डिस्प्ले पिक्चर/ प्रोफाइल पिक्चर) हर कोई रखता है। लेकिन आपने कभी इस पर गौर किया है कि हमारे मन, संकल्पों, विचारों और कर्मों रूपी डीपी परमात्मा को भी पसंद आती है? क्या हमारी डीपी देखकर परमात्मा भी मुस्कुराता है?
नई राहें: खुद को श्रेष्ठ और शुभ विचारों के बंधन में बांधने का लें ‘संकल्प’।
जीवन की सबसे बड़ी पूंजी और शक्ति हमारे विचार होते हैं। लेकिन हम इसी पूंजी को संभालने, सहेजने और समृद्ध बनाने की दिशा में लापरवाह रहते हैं। वहीं जिसने इसके महत्व को जान और समझ लिया वह इतिहास में अपना नाम दर्ज करा जाते हैं।
नई राहें: गार्ड की जगह गाइड बनने की जरूरत।
पंछी को भले सोने के पिंजड़े में रखा जाए लेकिन उसे जो सुकून, आनंद और मन का मौज खुले गगन में सैर से मिलता है वह पिंजड़े में नहीं मिल सकता है। क्योंकि पंछी ने अपने जीवन को किसी दायरे, परिधि और संसाधनों से मुक्त रखा है।