जरूरी संसाधनों को एलर्ट मोड पर रखने के निर्देश: उत्तराखण्ड शासन।

लेखक प्रेम पंचोली
देहरादून
पाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग विनय रूहेला समीक्षा बैठक में।
पाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग विनय रूहेला समीक्षा बैठक में।

मानसून आरम्भ होते ही हिमालय राज्य उत्तराखण्ड में आपदा के संकेत शुरू हो जाते है। केदारनाथ आपदा के बाद लोग और सरकार अपने अपने स्तर से अलर्ट हो जाते है। अतः आगामी मानसून सीजन को लेकर सोमवार को उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग विनय रूहेला ने उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ ही विभिन्न जिलों की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की है।


उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग के विनय रूहेला ने सचिवालय स्थित कंट्रोल से वीडियो कॉन्फ्रेस के मार्फत सभी जिलों को मानसून सीजन के दौरान संभावित आपदाओं को लेकर सभी तैयारियों को चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए है। इस दौरान बैठक में उपस्थित नहीं रहने पर उन्होंने ऊधमसिंह नगर जिले के एडीएम से स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए।


सभी जिलो के आपदा प्रबन्धन और जिला प्रशासन को डाक्टरों, दवाइयों, फार्मासिस्टों, एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था रखने की पूर्व तैयारी की गई है। आपदा से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है, इसलिए सभी जनपद के जिम्मेदार अधिकारी आम जनमानस तक जागरूकता के कार्यक्रम पंहुचाये। यह हाी बताया गया कि आपदा संबंधी अलर्ट और सूचनाओं का समय पर प्रचार-प्रसार जरूरी है, अर्थात सूचना प्रसारण तंत्र को सशक्त किया जाना जरूरी है। इस हालात में एलर्ट मिलते ही तुरंत लोगों तक पहुंच बने ताकि लोग सतर्क हो सके।


श्री गोयल ने जिलों के कंट्रोल रूम में सभी जरूरी विभागों के नोडल अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कंट्रोल रूम में जेसीबी, एंबुलेंस के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण नंबर होने चाहिए। उन्होंने सड़क कनेक्टिविटी बाधित होने पर पैदल मार्गों का निरीक्षण कर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ऊधमसिंह नगर के जसपुर और रुद्रपुर में जलभराव की समस्या के समाधान को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा की व स्थायी समाधान तलाशने के निर्देश दिए गये है। साथ ही आपदा प्रभावित पशुवंश को समय पर उचित उपचार मिले, इस दिशा में भी डाक्टरों तथा दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।


कॉन्फ्रेस के दौरान यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने सभी जिलों को निर्देश दिए कि सेटेलाइट फोन की नियमित तौर पर टेस्टिंग की जाए ताकि आपदा के समय कोई दिक्कत न आए। संभावित आपदाओं को दृष्टिगत रखते हुए सभी जिलों से फूड पैकेट की व्यवस्था अभी से करने को कहा, ताकि यदि कोई क्षेत्र कट ऑफ हो जाए तो प्रभावित लोगों को भोजन आदि की दिक्कत न हो।


कॉन्फ्रेस से पूर्व अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन राजकुमार नेगी ने यूएसडीएमए की तैयारियों को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने प्रदेश भर में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही अन्य जरूरी संसाधनों की तैनाती के बारे में जानकारी दी। इस दौरान यूएसडीएमए के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो ओबैदुल्लाह अंसारी ने बैठक में दिए गए निर्देशों पर तत्काल अमल करने के निर्देश दिए। कहा कि आपदा से निपटने के लिए सभी विभागों के बीच सामंजस्य होना जरूरी है।


जअकि यूएलएमएमसी की डॉ. रुचिका टंडन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से भूस्खलन न्यूनीकरण को लेकर उनके केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी। प्रदेशभर में 132 भूस्खलन के हॉटस्पाट चिन्हित किए गए हैं, जो बहुत अधिक संवेदनशील हैं। बैठक में वर्ल्ड बैंक के प्रोजेक्ट यूप्रीपेयर के अतिरिक्त परियोजना निदेशक एसके बिरला ने अपने प्रोजेक्ट के तहत संचालित कार्यों पर प्रस्तुतीकरण दिया। इस दौरानयूएसडीएमए के विशेषज्ञ डीडी डालाकोटी, तंद्रीला सरकार, डॉ. पूजा राणा, वेदिका पंत, हेमंत बिष्ट, जेसिका टेरोन, मनीष भगत आदि मौजूद थे।